कैलाश पर्वत कहां है?
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कैलाश पर्वत एक पवित्र पर्वत है जो हिंदू धर्म, बौद्ध धर्म, और जैन धर्म में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। यह पर्वत भारत, तिब्बत, और चीन की सीमा पर स्थित है। कैलाश पर्वत के बारे में कई किंवदंतियां हैं, और यह पर्वत दुनिया भर के लोगों के लिए एक आकर्षण का केंद्र है।
कैलाश पर्वत की भौगोलिक स्थिति
कैलाश पर्वत हिमालय की ट्रांस-हिमालयन पर्वत श्रृंखला में स्थित है। यह पर्वत भारत के उत्तराखंड राज्य के उत्तर-पूर्व में, तिब्बत के चीन-नियंत्रित स्वायत्त क्षेत्र में, और चीन के ज़िंजियांग स्वायत्त क्षेत्र में स्थित है। कैलाश पर्वत की समुद्र तल से ऊंचाई 6,638 मीटर (21,778 फीट) है।
कैलाश पर्वत की धार्मिक मान्यताएं
कैलाश पर्वत हिंदू धर्म, बौद्ध धर्म, और जैन धर्म में एक पवित्र पर्वत है। हिंदू धर्म में, कैलाश पर्वत को भगवान शिव का निवास माना जाता है। बौद्ध धर्म में, कैलाश पर्वत को बोधिसत्व मैत्रेय का निवास माना जाता है। जैन धर्म में, कैलाश पर्वत को तीर्थंकर ऋषभदेव का निवास माना जाता है।
कैलाश पर्वत की किंवदंतियां
कैलाश पर्वत के बारे में कई किंवदंतियां हैं। एक किंवदंती के अनुसार, कैलाश पर्वत एक विशाल शिवलिंग है। एक अन्य किंवदंती के अनुसार, कैलाश पर्वत एक गोल आकार का है क्योंकि यह भगवान शिव की आंख है। एक तीसरी किंवदंती के अनुसार, कैलाश पर्वत एक ऐसा स्थान है जहां से दुनिया की सभी नदियां निकलती हैं।
कैलाश पर्वत की यात्रा
कैलाश पर्वत की यात्रा एक कठिन और चुनौतीपूर्ण यात्रा है। पर्वत की ऊंचाई और खराब मौसम के कारण, कैलाश पर्वत की यात्रा केवल अनुभवी पर्वतारोहियों द्वारा ही की जा सकती है। कैलाश पर्वत की यात्रा आमतौर पर भारत के उत्तराखंड राज्य के गौरीकुंड से शुरू होती है। गौरीकुंड से कैलाश पर्वत की चोटी तक पहुंचने में लगभग 10 दिन लगते हैं।
कैलाश पर्वत का महत्व
कैलाश पर्वत एक महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक स्थल है। यह पर्वत हिंदू धर्म, बौद्ध धर्म, और जैन धर्म के अनुयायियों के लिए एक पवित्र स्थान है। कैलाश पर्वत की यात्रा एक आध्यात्मिक यात्रा है जो लोगों को अपने भीतर की शांति और आध्यात्मिकता को खोजने में मदद कर सकती है।
कैलाश पर्वत के बारे में कुछ रोचक तथ्य
- कैलाश पर्वत को "पवित्र पर्वत" या "देवताओं का घर" भी कहा जाता है।
- कैलाश पर्वत को एक पवित्र तीर्थस्थल माना जाता है, और हर साल हजारों लोग कैलाश पर्वत की यात्रा करते हैं।
- कैलाश पर्वत के चारों ओर 52 किलोमीटर की परिक्रमा को "गौरीकुंड चक्कर" कहा जाता है।
- कैलाश पर्वत के चारों ओर की परिक्रमा को एक पवित्र यात्रा माना जाता है, और इसे करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।
- कैलाश पर्वत एक अद्भुत प्राकृतिक और धार्मिक स्थल है। यह पर्वत दुनिया भर के लोगों के लिए एक आकर्षण का केंद्र है।